Thursday, November 30, 2017

जरूरी है निरंतर Learning and Improving

Learning and Improving


professional world में कामयाबी हासिल करने के लिए खुद पर जीत हासिल करना सबसे जरूरी है। यह तभी मुमकिन है, जब आप कार्यस्थल पर पूरे जोश और जूनून के साथ काम करें। निरंतर सीखे औए सुधार करे। डर और आशंकाए खत्म करके खुद को यकीन दिलाएं कि नामुमकिन कुछ भी नही। काम को लेकर आप जितने ज्यादा प्रेरित होगे, आपकी मंजिल उतनी ही करीब होगी
French निबंधकार और आलोचक चार्ल्स डू बोस ने एक बात पते की कही है, ’future में हम क्या बन सकते है, इस पर गहराई से विचार करते हुए हमें वर्तमान की पद प्रतिष्ठा को त्याग देने के लिए भी खुद को तैयार रखना चाहिए।

जब आप पेशेवर दुनिया में नये होते है तो जोश और उर्जा से भरे होते है। हर तरह की चुनौती का सामना करने के लिए आप तैयार होते है, लेकिन उम्र बढने के साथ energy कम होने से धीरे-धीरे life नीरस होने लगती है। job चाहे पहली हो या पांचवी, आप लगातार अपने आसपास से सीखते रहते है तो कुछ कामों को अपनी कार्यशैली से पहले से बेहतर बना देते है। निरंतर इस सीखने और सुधार करने के लिए तैयार रहना ही खुद को प्रेरित किये रखने की दिशा में पहली सीढ़ी हैं।

कार्यस्थल पर निरंतर सफलता की ओर बढ़ते रहना आसान नही होता। छोटी-बड़ी कई तरह की चुनौतियाँ आती रहती है। यही चुनौतियाँ आपकी सफलता और असफलता की नींव रखती है। कई बार आपको अपनी पसंद की team नही होती। कभी सहकर्मियों से अपेक्षित सहयोग नही मिलता, तो कई बार अचानक ही काम का बोझ बढ़ जाता है, जिससे काम व् life में संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है। senior अधिकारीयों से अपने किये काम की उचित प्रशंसा नही मिल पाती। हालाँकि लम्बे समय तक मन अनुकूल माहौल का न मिलना आपके उत्साह को कम कर देता है। पर यही वो क्षण होते है, जब खुद को प्रेरित करते हुए आप खुद को सफलता की ओर ले जाते है। अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते है। निरंतर काम में सुधार करते हैं। अपनी प्रगति को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।

अगर आप professional life में खुद को बड़ी भूमिका में देखना चाहते है तो शुरू से ही office में अपनी योग्यता साबित करने में जुट जाएँ। सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए खुद को प्रेरित करें।

दिन की शुरुआत हो बेहतर

दिन की शुरुआत जैसी होगी, वैसा ही पूरा दिन गुजरेगा। इसलिए office पहुंचते ही खुद को उस दिन के कामों के लिए तैयार कर लें। खुद को इस बात का एहसास दिलाएं कि आपमें न केवल काम को अच्छी तरह से करने का सामर्थ्य है, बल्कि उसे आप पूरा कर भी रहे है। इस तरह रोजाना काम को जल्दी शुरुआत आपको बढ़त दिला सकती है।

तय करे जवाबदेही

जवाबदेही तय होने से भी आप प्रेरित रहते है। आप अपने कामों का सीधा नतीजा देख सकते है। कार्यस्थल पर खुद की जिम्मेदारी को समझें। अपने कामों को ढंग से पूरा करें। अगर job में जवाबदेही तय नही हुई है तो आप खुद को घर के कामों के प्रति जवाबदेह बनाएं।

खुद को रखें खुश

अक्सर कामकाजी लोग बड़े-बड़े लक्ष्यों पर ही focus करते है और उसी को हासिल करने की ख़ुशी मनाते है। खुद को उत्साहित रखने के लिए बेहद जरूरी है कि अपनी छोटी-छोटी उपलब्धियों के लिए खुद को शाबाशी दें। लक्ष्य की दिशा में बढ़ते हुए छोटे-छोटे पड़ावों को पार करने पर खुद को प्रेम करें। मसलन किसी दिन अपनी पंसदीदा ice-cream खाएं, कभी friends के साथ समय बिताएं।

किस काम में लगता है मन

किसी को presentation बनाने में मजा आता है, तो किसी को research से मिली जानकारी लुभाती है। अपनी रूचि के अनुसार काम करें, तब आप सहज काम कर सकेंगे। कार्यस्थल पर जरूरी नही कि हमेशा या तुरंत वह काम मिल जाए, जो आपको पसंद है। ऐसे में अपने काम को मजेदार बनाने के तरीके खोज निकालें। उनमे नयापन लायें। बचे समय में अपनी पसंद के कामों को सीखने का प्रयास करे।

कौन है आपका Ideal

किसी को ideal मानने का मतलब यह नही होता कि आप बिलकुल वैसे ही बने, वैसे ही काम करें। उनके जैसे कपड़े पहनें। उनकी नकल करें। इसका अर्थ यह भी है कि आप दुसरो की खूबियों को सराहें, उनसे सीखते हुए अपने काम को बेहतर बनाने का प्रयास करें। जैसे अर्जुन को ideal मानने से आशय है कि उन जैसे एकाग्र होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़े। आप अपने family से भी effect हो सकते है और अपने क्षेत्र में सफल रहने वाले लोगो से भी। अपने क्षेत्रो में सफल रहें लोगो से सीखे कि वे लोग कठिन फैसले कैसे लेते है। आलोचनाओ का सामना किसने कैसे किया। दुसरो की सहायता एकाग्रता व् अच्छी संवाद क्षमता के गुणों का असर उनके काम पर क्या रहा।






                                           First Job की ये 8 बातें




Monday, November 27, 2017

Self Development की करें ऐसे शुरुआत



Self development का मतलब सिर्फ प्रशिक्षण सत्रों में जाना या study करना ही नही होता, आपकी प्रेरणा और personality को प्रोत्साहन देने वाले कारक तलाशना भी होता है

life का अर्थ अपना विकास, अपनी nature को पूरी तरह समझना। इसलिए हम यहाँ इस world में आये है। यही विचार आपके career पर भी लागू होता है। आपको खुद को लगातार विकसित करने के लिए कार्य करना होता है, अपने हुनर को तराशना और आगे बढने के लिए खुद को प्रेरणा देते रहना होता है। आइये जानते है कुछ tips-

Life Style ठीक रखे

निजी विकास के लिए एक health body व् brain पहली जरूरत होती है, इसलिए वक्त पर खाएं, पूरी नीद ले और exercise भी करें। इसके साथ अपने रंग-रूप और पहनावे पर भी कुछ ध्यान दें। आपका पहनावा आपको आत्मविश्वास और प्रेरणा तो देता ही है, आपके personality विकास में भी सहायक बनता है।

Energy बचाएं

हम सब कार्यस्थल पर कुछ ऐसी गतिविधियों में जा फंसते है, जो न केवल समय बर्बाद करती है, बल्कि हमारी energy को भी व्यर्थ करती है और इनके कारण जरूरी कार्यो के लिए समय और उर्जा नही बचती। इन गतिविधियों में Internet पर लक्ष्यहीन surfing और गपबाजी आदि प्रमुख होती है। इन आदतों पर काबू पायें। समय और उर्जा व्यर्थ करने वाली गतिविधियों को पता लगायें और उन्हें दूर करें।

Tension से दूर रहें

जितना संभव हो life से tension और अवसाद दूर करने का कार्य करें। positivity व्यवहार करें, प्रेरणादायक books पढ़े और कार्य की निश्चित सारणी बनाएं। मौजूदा आर्थिक दौर में यह सब करने के बावजूद आप पायेंगे कि tension कुछ हद तक जारी है। इनके कारणों का पता लगाएं और उन्हें दूर करें।

हुनर तराशें

दूरस्थ शिक्षा में दाखिला ले, घर पर study करें या जब भी खाली समय मिले, उसका सदुपयोग करें। अपने resume को इसी study के सहारे समृद्द बनाएं। इस सबके साथ भी आप Internet surf करके अपने कार्यक्षेत्र में हो रहे नये परिवर्तनों की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

ये कुछ सीधे-सादे तरीके आपके personal develop की दिशा में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इनकी मदद से आप अपने कार्य, निजी जीवन और आसपास के वातावरण पर positivity तरीके से नजर रख सकेंगे।





                                   खुद से शुरू करे एक नई Life



Sunday, November 26, 2017

First Job की ये 8 बातें

first job


पहली job मिलने पर जोश और उत्साह होना लाजमी है। आपने कड़ी competition से आगे निकलकर यह job पाई है, लेकिन अक्सर आप नई job की योजना पर काम नही कर पाते। पहली job से आप professional life की ओर बढ़ेंगे। आपको कुछ जरूरी बातें जरुर पता होनी चाहिए, जिससे आप career की ठोस शुरुआत कर सकें।

college की पढ़ाई व् कार्यस्थल दोनों के बीच काफी अंतर होता है। यह अंतर अलग-अलग स्तरों में होता है। अब जबकि आपके हाथ में appointment letter आ चूका है तो joining से पहले कुछ जरूरी बातों को भी समझना जरूरी है। इससे आप अपनी degree का कार्यस्थल पर भरपूर उपयोग कर सकेंगे। कार्यस्थल के शिष्टाचार निस्संदेह सबसे पहले स्थान पर आते है। आप काम कैसा कर रहे है यह तो कुछ दिन बाद पता चलता है, मगर office के साथियों से किया गया behavior आपकी छवि बनाएगा। आइये जानते है उन 8 tips को, जो आपको पहली job से success के रास्ते पर चलना सिखा देगे-

1-  साथियों को पहचानें

office canteen में या फिर relax time में आप कुछ हंसी-ठहाका भी लगा सकते है, लेकिन ध्यान रहे कि आप ऐसे friends के सामने सम्भलकर मुंह खोले, जो कुछ तुनकमिजाज हों। उनका नही पता होता कि कब वे हँसते-हँसते आप पर भड़क उठे। ऐसी स्थिति से आसपास के माहौल में भी एक tension आ जाता है। अगर कभी ऐसी स्थिति आ भी जाए तो अपना आपा न खोएं और जितना संभव हो सके, उनके behavior को नजरअंदाज कर दें। उनसे अलग में इस बारे में बात करे। अगर तब भी स्थिति में सुधार आता न दिखें तो अपने senior से जाकर seat बदलवाने के बारे में बात करें।

2-  चीजे देकर लेना भी सीखें

office में अक्सर लोगो को यह habit होती है कि किसी से भी pen-pencil मांग लेते है, लेकिन लौटाना भूल जाते है। अगर आप से कोई आपकी चीज मांग ले तो आपको वापस लेना भी याद रखना होगा। आपके office desk में आपके work को आसान बनाने के लिए बहुत से चीजें होती है। अगर दिया गया कोई सामान आपको वापस नही मिलता तो आपको ही कठिनाई होगी। दूसरों को इतनी ही छुट दें कि वे आपकी चीज आपसे मांग कर ही लें। अगर ऐसा नही होता तो अक्सर आपके desk से चीजें गायब मिलेगी। कोशिश करे कि काम खत्म होने के बाद आपका जरूरी सामान locker में बंद हों।

3-  कार्यस्थल की राजनीति से दूर रहे

हर कोई चाहता है कि office में उनका भी एक group हो, जिनके साथ वे कभी चाय की चुस्की तो कभी हल्की-हल्की गपशप कर सकें। ऐसे किसी भी group का हिस्सा बनने में जल्दबाजी न दिखाए। ऐसा भी हो सकता है कि office के कामकाज व् साथियों के बारे में gossiping होती हो। अपने अन्य साथियों की अनुपस्थिति में उनके बारे में कुछ भी कहना या सुनना उचित नही हैं। आप न चाहते हुए office में चल रही राजनीति का हिस्सा बन सकते है। ऐसा भी नही है कि आप किसी को सीधे मना कर दे, लेकिन सामान्य बातचीत और gossiping के फर्क को भी समझना होगा।

4-  अपने Boss के बारे में

boss के बारे में negative बातें करना कई कर्मचारियों को खूब रास आता है। उन्हें अपने boss की हर बात में बुराई निकालने की habit होती है। शुरूआती दौर में आप अपने boss को नही जानते-पहचानते। उनके साथ काम करने के तौर-तरीके को भी आप धीरे-धीरे समझेगे। ऐसे में दूसरो की बातें सुनकर उनके बारे में कोई negative राय बनना बिलकुल भी ठीक नही है। वे आपके boss है, तो जाहिर है आपसे experience में भी अधिक होगे। बजाय gossiping में शामिल होने के उनसे बहुत कुछ सीखने का मन बनाएं। काम का पेशेवर रवैया आपका boss ही आपको सिखा सकता है। अगर आपको कही boss की कोई बुरी भी लगती है तो उसके positive पक्ष को पहले देखने की कोशिश करे। फिर भी बात न बने तो office से बाहर किसी अच्छे friend को ही बात को बताएं।

5-  Social Media का इस्तेमाल

इन दिनों लोग WhatsApp पर ढेर सारे group से जुड़े रहते है, जहां जहां कही न कही update आते रहते है। इन groups को आप बाहर तो आसानी से manage कर लेते है, मगर office में रहते हुए आपका काम इससे बुरी तरह प्रभावित होता है। आप चाहें तो group के notification को mute मोड़ में डाल दे, जिससे बाद में आप सभी message को आसानी से check कर सकते है। अगर आपको हर मिनट में अपना Facebook या WhatsApp आदि check करने की आदत है तो इसे तुरंत बदलने की कोशिश करें। अगर office के desktop म जरूरी हो तो ही Facebook पर login करे और कोशिश करे कि काम खत्म होते ही उसे बंद कर दें।

6-  खुद के बारे में

कार्यस्थल पर दोस्ती करने में जल्दबाजी कभी न दिखाएँ। अपने desk के आसपास लोगो से घुले-मिलें, लेकिन उन्हें अपने दिल की हर बात बताने में कुछ इंतजार करें। कही ऐसा न हो कि आपकी यह जल्दबाजी आपको नुकसान पहुँचाने का हथियार बन जाएँ। ऐसा भी नही कि आपके office के साथी बिलकुल भी भरोसे लायक नही है, मगर दो सप्ताह की दोस्ती में सब कुछ उगल देना जल्दबाजी ही कही जायेगी। किसी भी relation में शामिल होने में भी जल्दबाजी न दिखाएँ। लोगो से अच्छे से बात करें, उन्हें जाने-पहचानें और फिर अच्छा दोस्त, best friend आदि की मुहर लगायें। किसी भी relation को वक्त देने से आप एक-दूसरे को अच्छे से समझ पाते है और किसी पछतावे से भी बच जाते हैं।

7-  Dress Code

यह आपकी पहली job है। आप college से निकलकर आये हैं। माना कि आप fashionable है, मगर मगर कई company का निश्चित dress code होता है। जैसे weekend यानी Saturday आदि में ही आप jeans-tee-shirt पहन सकते है आदि। अगर आपकी company में कोई ऐसा dress code नही तो अच्छी बात है। अगर है तो उसे पहले दिन से पालन करे। इसकी चिंता बिलकुल भी न करे कि wardrobe में कपड़े कम है। हां, इसका जरुर ध्यान रखें कि वे साफ़-सुथरे हो, जिससे आपकी office में छवि अच्छी बनी रहे।

8-  संस्थान को अपना समझें

कहा जाता है कि आप किसी के बारे में कोई राय बना लें और उसके बारे में हर वक्त बुरा सोचते रहे तो ऐसे दिन की उम्मीद बिलकुल नही की जानी चाहिए, जब आपकी धारणा बदलेगी। आपकी यह पहली job है। हो सकता है कि life में आगे कई और बड़ी company में आप काम करे, लेकिन यह company हमेशा आपकी यादगार company रहेगी। आज आप जहां है, वह आपकी कड़ी मेहनत का नतीजा है। ऐसा न सोचे कि job तो मिलनी ही थी, यहाँ नही तो कही दूसरी जगह। यहाँ अपना पूरा सौ फीसदी देने का प्रयास करें। हरदम यहाँ से कुछ सीखने का प्रयास करे। आगे चलकर आपका संजीदगी से सीखा गया काम ही आपकी पहचान बनेगा।









Saturday, November 25, 2017

कानों में Hearing Problem की वजह

hearing problem


बहरापन अब बुढ़ापें की problem नही रहा है। चारो ओर शोर और headphone, cellphone व् blue tooth आदि से बढ़ती हमारी दोस्ती किशोरों व् युवाओं की सुनने की क्षमता को serious रूप से effect करने लगी है।

WHO की एक report के अनुसार पुरे world में लगभग 1.1 अरब किशोर और युवा earphone, smart phone आदि के असुरक्षित इस्तेमाल के कारण अपने सुनने की क्षमता खोने की कगार पर हैं। इसमे हमारी बाकी lifestyle भी इजाफा कर रही हैं। वातावरण में शोर के ऊँचे स्तर के कारण एक अवधि के बाद सुनने की क्षमता कम होने के मामले तेजी से बढ़ रहे है। तेज आवाज में गाने सुनना, TV देखना, blue tooth पर बात करना,horn और loudspeaker की तेज आवाज आदि इसके लिए जिम्मेदार है। लगातार 80 से 90 decibel से ज्यादा शोर सुनना कान की नाजुक कोशिकाओं व् कान के अन्य हिस्सों को क्षति पहुंचा सकता है।

जब हम कोई तेज आवाज सुनते है तो कान के भीतर की एक मांसपेशी सिकुड़ जाती है, ताकि कान को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। पर, लगातार तेज आवाज सुनने के कारण कान की यह मांसपेशी अपने काम करने की क्षमता खो देती है। स्थिति और गंभीर तब हो जाती है, जब कान का अंदरूनी हिस्सा भी लगातार तेज शोर के कारण ख़राब होने लगता है। अगर कोई व्यक्ति 90 decibel से ज्यादा आवाज हर दिन आठ घंटे या उससे ज्यादा वक्त के लिए सुनता है तो कम उम्र में ही उसकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती हैं।

संगीत न छीन ले सुनने की क्षमता

blast या फिर किसी accident में सुनने की क्षमता खोने वालों की तुलना में headphone के कारण कान के सेहत बिगड़ने का परिणाम ज्यादा serious होता है। इस तरह का बहरापन धीरे-धीरे पनपता है और ज्यादा serious होता है। कान पहले हमें संकेत देता है। सुनने की क्षमता खत्म होने से पहले आपको कान में हमेशा घंटी बजने की आवाज सुनाई दे सकती है। साथ ही किसी बेहद शोर वाले माहौल से बाहर निकलने के बाद आपको तुरंत कुछ सुनाई भी नही देगा। विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादा शोर वाले माहौल से तुरंत बिलकुल शांत माहौल में जाना कान के सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदेह है। music player के आधे volume पर गाना सुनना कानों के लिए secure है। हालाँकि सब इस पर depend करता है कि आप कितनी देर तक और कितने volume पर गाना सुनते है। ऐसे earphone, जिन्हें हम अपने कान में डालकर इस्तेमाल करते है, volume को पांच से छ गुना बढ़ा देते है और ज्यादा नुकसानदायक होते है। गाना सुनने के लिए इन-इयर headphone को इस्तेमाल में लायें। इस तरह का headphone इस्तेमाल करने वाले लोग अमूनन कम volume पर गाना सुनते है। headphone खरीदते वक्त तेज आवाज की जगह अच्छी गुणवत्ता को प्राथमिकता दें। लगातार संगीत सुनने से बचें। कान में कुछ असहज लगे, तो ENT specialist के पास जाएँ। शुरुआत में medicine की मदद से स्थिति control की जा सकती है।

Cellphone भी कर सकता हैं सुनने की क्षमता कम

cellphone का लम्बे समय तक इस्तेमाल hormones असंतुलन और cancer आदि के अलावा सुनने के क्षमता को भी effect करता है। नये-नये feature के आने के कारण पिछले एक दशक में cellphone का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। cellphone का इस्तेमाल करने वालों में बहरेपन की complain 50% बढ़ गई है। कई लोग cellphone के ज्यादा इस्तेमाल के कारण कान में दर्द और कम सुनने की complain लेकर आते है। सबसे ज्यादा complain के पास यह आती है कि phone पर बात खत्म करने के बाद उनका कान गर्म हो जाता है।

क्या करते है Survey

all India institute of speech and hearing audiology department द्वारा मैसूर में तीन हजार युवाओ पर किये गये एक study में पाया गया है कि 66% युवा आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने से उनमे बहरेपन की आशंका बढ़ गई है।

ये है खतरे की घंटिया

1-  जब phone पर बात करने हो परेशानी

2-  ज्यादा लोगो के बीच बातचीत सुनने में परेशानी

3-  फॅमिली के लोग complain करने लगे कि आप तेज आवाज पर TV देख रहे है।

4-  शोर शराबे के बीच बातचीत करने में परेशानी

5-  बातचीत के दौरान आप क्याशब्द का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करते है।

6-  आपको कान में हमेशा भुनभुनाहट-सी आवाज आती है।

7-  आपको लगता है कि सामने वाला स्पष्ट नही बोल रहा है।


8-  आप अपने आसपास वालो से चिढ़े रहते है क्योकि आप उनकी बात समझ नही पाते। 





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Friday, November 24, 2017

खुद से शुरू करे एक नई Life

new life


मैं कोई चमत्कारी वैध नही हूँ। मैं घाव भरने का जादू नही जानती। खुद को खोजने के सफर में मै अपने आपको एक ऐसा पत्थर मानती हूँ, जिस पर आप अपना पैर रखकर आगे बढ़ सकते हैं। या यूँ कहें कि एक ऐसी जगह, जहां लोग खुद को प्यार करने के माध्यम से अपने अदभूत गुणों से रू-ब-रू हो जाते है। पूरी दुनिया में कई वर्षो की counseling, workshops और training programs के आयोजन करवाने के बाद मैंने तो यही जाना है कि हर problem का एक ही हल है- खुद को प्यार करना।

लोगो के life में बड़े बदलाव तब आते है, जब वे हर दिन खुद को पहले से ज्यादा प्यार करना सीख जाते है। वे पहले से बेहतर महसूस करते है। तब वे जो चाहते है, हो जाता है। उनके पास जरूरत के मुताबिक पैसा आने लगता है। उनके relation में positivity बदलाव दीखता है। negative relation या तो खत्म हो जाते है या फिर नये relation बनते है। इन सारे अंकुरों की एक जमीन होती है-खुद को प्यार करना। मैंने पाया है कि life की सरलता ही सबसे महान ज्ञान है। किसी ने मुझसे कहा था,’ आपने मुझे सबसे आश्चर्यजनक तोहफा दिया है, आपने मुझे मुझसे मिला दिया।
life खुद को ढूंढने की एक यात्रा है और मेरे लिए ज्ञान प्राप्त करने का मतलब है अपने भीतर की यात्रा। यह जान पाना कि हम वास्तव में कौन और क्या है और यह भी कि खुद को प्यार करके, अपनी परवाह करके हम खुद की क्षमताओं का विकास भी करते हैं।

खुद को प्यार करना खुदगर्जी तो बिलकुल नही है। यह हमारे अंदर की negative चीजों को साफ करके दूसरों को प्यार कर पाने का रास्ता भी बनाती हैं। जब हम निजी तौर पर अंदर से खुश और आनंदित होते है, तब हम इस पूरी दुनिया की सहायता करने में सक्षम बनते है।

मेरी पूछे, तो प्यार मेरे लिए अपने अंतरतम की प्रशंसा है। मतलब हम जो वाकई में हैं, उसकी प्रशंसा। जिसमे हम अपने सारे पहलुओ को accept करते है- हमारी छोटी-छोटी विशिष्टाएँ, शर्मिंदगी के बिंदु, कमजोर पक्ष और हमारी अच्छी बातें भी। हम अपने पुरे व्यक्तित्व को बिना शर्त प्यार करते है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, पर सच भी कि कई ऐसे है, जो जब तक अपना वजन नही घटा लेते, खुद को लेकर खुश नही होते या कि job या ज्यादा salary या boyfriend या ऐसा ही कुछ भी। ये तो अपने प्यार पर शर्त लगाना हुआ। जबकि सच मानिए हममें इतना प्यार भरा होता है कि हम जैसे भी है, उसी को प्यार कर सकते है।

यह युग हर स्तर पर बदलावों का है। इस समय जो भी इस दौर का साथी होना स्वीकार कर रहा है, उसने इतने बड़े बदलाव का हिस्सा बनना, बदलाव करना चुना था। उसने संसार के पुराने तौर-तरीकों को नये और ज्यादा प्रेम व् शांतिपूर्ण तरीको से बदलना चुना था।

चुनिए प्यार को

अगर आप आज खुद को प्यार करना नही सीखना चाहते, तो कल आप अपना इच्छित पा भी ले, तो भी आप अपने को प्यार नही कर पायेंगे। जो बहाने आज है, वे कल भी रहेगे। आज ही तो वह दिन है, जब आप खुद से बिना किसी अपेक्षा के प्यार करना सीखिए। प्यार क्रोध, घृणा या दुःख की तरह है। जैसे उन्हें चुनते है, क्यों ना प्यार को चुने। जिसने हमे दुःख पहुंचाया उसे माफ़ करना चुनकर हम अपने घावों के भरने की प्रकिया शुरू कर सकते है। जी कुछ है, उसके लिए कृतज्ञ होना चुन सकते है। यह विकल्प हमारे अंदर ही छिपा है। तो चलिए अभी से प्यार को चुनते है। क्योंकि आप जैसा शानदार दूसरा कोई कहां है!

रोज खुद से यह जरुर कहें

·         मुझे मेरे शरीर से प्यार है।

·         मेरे शरीर को स्वस्थ रहना अच्छा लगता है।

·         मेरा दिल प्यार का मन्दिर है।

·         मेरे खून में जिन्दगी और रवानगी है।

·         मेरे नजर में प्यार है।

·         मैं करुणा लेकर सुनता/सुनती हूँ।

·         मै सरलता से चल-फिर सकता/सकती हूँ।

·         मेरे पैर जिन्दगी की धुन पर नाचते है।

·         मै अपने भोजन में प्रेम भी मिलाता/मिलाती हूँ।

·         मेरा पसंदीदा पेय पानी है।

·         मुझे पता है कि अपनी देखरेख कैसे की जाती है।

·         मैं इतना स्वस्थ कभी नही रहा/रही।

·         अपने गरिमापूर्ण शरीर की मैं प्रशंसा करता/करती हूँ।

·         मैं स्वस्थ हूँ, घाव भर गये है और मैं सम्पूर्ण हूँ।

कुछ और भी...

अतीत में अपने शरीर की सही देखरेख ना करने के लिए खुद को माफ़ कर दीजिये। इस तरह सोचिये कि उस समय जो सबसे अच्छा कर सकते थे, वह किया। अब जितना कुछ जीवन आपको दे रहा है, उसमे आप सर्वोत्तम ढंग से स्वयं को स्वस्थ और पोषित कर रहे है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए इसे जो चाहिए, वह दे रहे है। आपका शरीर आपका मित्र है। जीवन सुंदर है और आपको इसमें भरपूर आनन्द आ रहा हैं।


# इस article के writer ‘लुई एल हेजो famous writer व् प्रेरक वक्ता हैं। ‘you can heal your life’  उनकी best seller है। बचपन के कटु experience के बावजूद relation व् life के प्रति उनका विश्वास प्रेरित करता है।


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