Saturday, February 3, 2018

When do not Mind (जब मन का नही मिलता !)

When do not Mind


ऐसा क्यों होता है कि हमारा मन जिस चीज के लिए तैयार है, वह या तो हो नही पाता या फिर नतीजे ख़ुशी देने वाले नही होते? प्रयास करने के बाद भी लक्ष्य से दूर रह जाते है। ऐसा तो नही कि हम सोचते कुछ है और कर कुछ और रहे होते है?

यह सबसे ज्यादा खीझ करने वाली परिस्थितियां होती है, जब आप वास्तव में कुछ करना तथा पाना चाहते है, उसके लिए तैयार भी हो जाते है, तब पाते है कि इसके नतीजे संतुष्टि देने वाले नही है। एक उदाहरण लेते है, मान लीजिये आप स्नान कर रहे है, और नहा कर तुरंत बाहर निकलना चाहते है, लेकिन कुछ कारणों से निकल नही पाते। आप खुद से कहते है कि 10 minute में नहा कर बाहर निकल आयेंगे, लेकिन 45 minute में bathroom में ही बीत जाते है।

ऐसी परिस्थितियां कोई सामान्य नही है। इन्ही वजहों से alarm घड़ी में sleep/snooze button का आविष्कार किये गये। आईये कुछ संभावित कारणों की पड़ताल करते है कि क्यों हम मानसिक रूप से खुद को प्रेरित महसूस करते है और फिर भी लक्ष्य को प्राप्त नही कर पाते।

क्या आपके लक्ष्य आपकी Problem है?

नही। लक्ष्य problem नही है, बल्कि उनके बारे में हमारी समझ problem है। कुछ ऐसे आधुनिक मिथक है, जो motivation और लक्ष्यों से जोड़ दिए गये है। इनमें सबसे आम है कि अगर आपका कोई लक्ष्य है और आप इसे लिख लेते है, या इसकी success की परिकल्पना करते है तो यह किसी भी प्रकार से हासिल होगा। सिर्फ इसलिए कि हमने दिमाग को किसी चीज के लिए तैयार कर लिया है तो इसका अर्थ यह नही है कि ऐसा होगा ही। फिर भी कुछ लोग सोचते है कि किसी काम के लिए अपने मन को तैयार करना ही सबसे कठिन होता है।

अपने मन को किसी चीज के लिए तैयार करना, अक्सर आपको उसे स्थगित करने का बहाना दें देता है। कई लोगो के मामले में लक्ष्य को निर्धारित करना, उन्हें उसे क्रियान्वित न करने का एक बहाना दे देता है।

इसे कैसे ठीक करें?: वैसे ही लक्ष्य निर्धारित करें, जिन पर आप अभी काम शुरू करने जा रहे है। अगर चाहते है कि कोई काम पूरा हो तो उसे अभी करने का फैसला करें और अपने लक्ष्य उसी समय निर्धारित करें। अगर समय थोड़ा है तो वही लक्ष्य निर्धारित करें, जो उतने समय में हासिल कर सकते है।

क्या अनुशासन Problem है?

कई लोगो में अनुशासन और उनके motivation में गहरा और सीधा सम्बन्ध होता है। जिन लोगो स्व-अनुशासन की problem होती है, वे काम से जी चुराते है और किसी कार्य को बड़ी आसानी से छोड़ देते है। problem यह है कि ज्यादातर कामों को पूरा करने के लिए स्व-अनुशासन की जरूरत होती है। कई लोगो में काम को नजरअंदाज करने की भावना बड़ी बलवती होती है तो कई लोग आसान और ज्यादा सुविधाजनक रास्तों को चुनते है।

इसे कैसे ठीक करे?:

अगर आप अक्सर पाते है कि आपकी mind इच्छुक है, लेकिन नतीजे संतोषजनक नही है तो आपको जिस चीज की आवश्यकता है, वह है स्व-अनुशासन में सुधार। कुछ लोगो के लिए अपने comfort जोन से बाहर निकलना दूसरों के मुकाबले कठिन होता है और इसकी बड़ी वजह उनका स्व-अनुशासन। पर काम कीजिये। लक्ष्य तुरंत हासिल भले ही न हों, आप खुद को अपने लक्ष्य की दिशा में बढ़ते हुए पाएंगे।

क्या Negative Habits Problem हैं?

वास्तव में negative habits problem नही है। habits ही अपने आप में एक problem है। आप में प्रेरणा की कमी इसलिए नही है कि आपको ज्यादा खाने, धुम्रपान करने या व्यर्थ में इधर-उधर घुमने की आदत है। habits किसी काम में आपकी मदद नही करती, लेकिन यह आपकी सोच में बाधा भी नही खड़ी करती। यह आपकी निष्क्रियता, अनिर्णय और देर करने की प्रवृत्तियाँ है, जो आपके motivation प्रयासों पर विराम लगा देती है, जो हमें ख़राब परिणाम की ओर ले जाता है। अपनी habits बदलिए और स्वयं को असुविधाजनक स्थितियों की ओर धकेलिए, जहां वैसी गर्मजोशी और सुविधा महसूस नही होती, जो आपको सामान्य हालात में होती है। हो सकता है कि देर करने, अनिर्णय और निष्क्रियता की habits को छोड़ने में उतनी ही मुश्किलें आयें, जितनी drugs से छुटकारा पाने में आती है।

इसे कैसे ठीक करें?: इसका सबसे बड़ा समाधान है practice. लक्ष्य निर्धारित करने और उसे प्राप्त करने का आनन्द महसूस करने के लिए स्वयं को प्रेरित करना, ऐसी चीज नही है, जो जन्म के साथ प्राप्त होती है। यह एक ऐसी चीज है, जिसे अनेक लोग बढ़ती उम्र के साथ सीखते है। लेकिन कोई सबक कितनी अच्छी तरह सीखता है, यह व्यक्ति-व्यक्ति पर depend करता है। आप धीरे-धीरे पुरानी आदत को बदलने के लिए एक नई habits अपनाएँ, जो अक्सर किसी आदत को छोड़ देने की कोशिश करने के मुकाबले ज्यादा आसान होता है। यही वजह है कि शराब के आदी को coffee की habits डाली जाती है। ज्यादा उत्साहजनक बात यह है कि जितना आप सीखते है, लक्ष्य को निर्धारित करने और उसे प्राप्त करने का आनन्द महसूस करना उतना ही आसान होता जाता है। ठीक वैसे ही, जैसे bike चलाने में होता है।



# इस article के writer ‘जोश हिड्सजो motivation writer और businessman है। ‘Why perfect timing is myth’ और ‘it is your life’, ‘live big’, उनकी famous books है।





                                               Motivational Story





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