Saturday, February 10, 2018

Motivational Story



क्या ढूंढ रहे है आप?

रोहित और मोहित दोनों पांचवी कक्षा के student थे। दोनों अच्छे दोस्त थे। एक दिन छुट्टी के समय मोहित ने कहा –friend, ‘एक idea है। वों देखों, सामने तीन बकरियां चर रही है।‘

रोहित- इससे हमें क्या लेना-देना है?

मोहित- हम आज छुट्टी के बाद इन बकरियों को school में छोड़ देगे। कल सभी इन्हें खोजने में समय व्यर्थ करेगे और पढ़ाई नही होगी..

रोहित- पर बकरियां तो कुछ समय में मिल ही जाएँगी।

मोहित- हा हा हा, यही तो बात है, बस तुम देखते जाओ, मैं क्या करता हूँ!

जब सभी लोग चले गये तो वे दोनों उन बकरियों को पकड़ कर class के अंदर ले आये। मोहित बोला- अब मैं इन बकरियों पर number डाल देता हूँ। पहली बकरी पर number-1 दूसरी पर 2 और तीसरी पर 4.

ये क्या? तीसरी बकरी पर number 4 क्यों डाल दिया?- रोहित ने हैरानी से पूछा।

मोहित ने हंसते हुए कहा- यही तो बात है। कल सभी तीसरे number की बकरी को ढूंढेगे। और वो कभी मिलेगी नही।

अगले दिन दोनों समय से पहले school पहुंच गये। थोड़ी देर में school में बकरी होने का शोर मच गया। कोई चिल्ला रहा था- चार बकरियां है, पहली,दूसरी और चौथी तो मिल गई, बस तीसरी को ढूंढना बाकी है।

पूरा staff बकरी ढूंढने लगा। तीसरी बकरी ढूंढने का खूब प्रयास किया गया... पर बकरी तब मिलती, जब वो होती! school में सब हैरान- परेशान थे, सिवाय रोहित व् मोहित के। उन्होंने चालाकी से एक बकरी जो अदृश्य कर दी थी।


इस story को पढ़कर हल्की मुस्कान आना स्वाभाविक है। पर तीसरी बकरी दरअसल वो चीजें हैं, जिन्हें खोजने के लिए हम बेचैन है, पर वो हमें मिलती ही नही... क्योंकि वो होती ही नही। हम जो नही है, उसे पाने में लगे रहते है, पर ये भी तो हो सकता है कि वो चीज हो ही न!








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